मजमून ए महबूब लिखे तो गजल ,
गर खुदाई नक्शे पा मिले तो गजल .
गर होश ओ हवास गुम तो गजल
जो अहसासात ए हवा चले तो गजल .
किस्मत का फजल मिले तो गजल
जो डूबकर भी जिन्दा मिले तो गजल.
शिद्दते दोस्ती हरूफ निभाए तो गजल
गर कलम ईमान से मिले तो गजल .
वाइज की न पूछ गर चले तो गजल
अजब हकीकत ये हम खिले तो गजल.- विजयलक्ष्मी
गर खुदाई नक्शे पा मिले तो गजल .
गर होश ओ हवास गुम तो गजल
जो अहसासात ए हवा चले तो गजल .
किस्मत का फजल मिले तो गजल
जो डूबकर भी जिन्दा मिले तो गजल.
शिद्दते दोस्ती हरूफ निभाए तो गजल
गर कलम ईमान से मिले तो गजल .
वाइज की न पूछ गर चले तो गजल
अजब हकीकत ये हम खिले तो गजल.- विजयलक्ष्मी
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