कलम से..
Monday, 17 December 2012
रंगीनियाँ छाई हों गर ...
"
घर दलालों के रंगीनियाँ छाई होगीं गर ,
ये जरूरी है कि देशभक्तों के घर अँधेरा काबिज हों
.
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- विजयलक्ष्मी
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