Saturday, 30 March 2013

कोशिश है जरूर

जब ही गुजरता है वो गली से मेरी ,
न उठे नामुराद नजर,कोशिश है जरूर | 

सुबह हो तो सूरज सा, रात को चंदमा,
धरती सी परिक्रमा हो कोशिश है जरूर |

लौटना है ,बार बार उसी ठौर तुम्हे भी , 
बदलें न मौसम सा यूँ ,कोशिश है जरूर | 

चाह सितारों सा, गिरे टूटके किनारों से,
साँझ हो भोर सी रोशन,कोशिश है जरूर |

अटके भंवर में, किश्तों में डूबे सूखे गुंचे,
विवश न हो विश्वास कभी कोशिश है जरूर|
-- विजयलक्ष्मी

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