Thursday, 21 March 2013

रंग ए दोस्ती ..

"दोस्ती न रेत है न पत्थर है ..
बस एक है यकीं बाकी गर है "..विजयलक्ष्मी


"दोस्ती निभानी तो आइना बन जाओ ,
न डर होगा खुदी से ,,सीधे रास्ते चलते चले जाओ "..विजयलक्ष्मी



"न तमन्ना ए दौलत है न शौहरत की है ख्वाहिशें ,

दोस्ती सच्ची हों तो जिंदगी की खत्म होती है ख्वाहिशें" ...- विजयलक्ष्मी



"ये दुनिया मतलबी है बहुत दिल दुखाकर हंसती है ,

मरहम सत्य का सदा से ही सच्ची दोस्ती रखती है" ..- विजयलक्ष्मी


"और रंगों को न बांधों एक ही रंग में ,
दोस्ती का रिश्ता ही बंधता है हर रंग में "..विजयलक्ष्मी



"यहाँ हर रंग को एक है पैमाने में मापते है ,

रंग ए दुनिया कुछ हों हम दोस्ती पे आंकते हैं" ..-- विजयलक्ष्मी


"आइना हों यही एक रंग भाता है हमको ,
खुद को आईने में ही देखना आता है हमको "..-- विजयलक्ष्मी



"जिंदगी में रिश्ता ए दोस्ती तेरे नाम लिख दिया ,

दोस्ती के हलफनामे पे तेरा ही नाम लिख दिया "..विजयलक्ष्मी


"अर्पण समर्पण सब बौने हों गए ,
दोस्त जब से हम दोनों हों गए" ..विजयलक्ष्मी



"बहुत अजीज है तेरी दोस्ती हमको ,

दुनिया क्या समझेगी क्यूँ भाती है ये दोस्ती हमको" ..विजयलक्ष्मी 


"दोस्ती में भूल जाने का डर नहीं होता ,
दोस्त गर सच्चा है तो कभी नहीं खोता" ..विजयलक्ष्मी



"कुछ महफिलें लालच पे टिकी होती है ,,,

यहाँ कुछ भी नहीं बाकी, दोस्ती का दौर है "...विजयलक्ष्मी



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