दिल ए हालात अब सम्भलते नहीं है,
डूबे है इस कदर ,अब उबरते नहीं है .
डूबे है इस कदर ,अब उबरते नहीं है .
आइना पूछता है ,कौन हों तुम ह्मीसे ,
हालात भी शायद,अब सुधरते नहीं हैं.
हालात भी शायद,अब सुधरते नहीं हैं.
काटती है चुप्पी बता इस कदर क्यूँ ,
चीखते हुए शब्द भी,अब सुनते नहीं हैं.
चीखते हुए शब्द भी,अब सुनते नहीं हैं.
लाइलाज घोषित किया जा चुका अब ,
शफाखानो में नुस्खे ,अब मिलते नहीं है.
है राह ए मुहब्बत कंटीली सी पता था ,
गुलिस्ताँ तुम बिन ,अब महकते नहीं हैं .
...विजयलक्ष्मी
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