2017
माघी नवरात्र ..28 जनवरी से 5 फरवरी तक
चैत्र वसन्त नवरात्रि 28 मार्च से 5 अप्रेल तक
चैत्र नवरात्रि, शरद नवरात्रि के समान, नौ दिनों के लिये आयोजित की जाती है। चैत्र नवरात्रि माँ दुर्गा को समर्पित होती है। माता के भक्त प्रतिपदा से नवमी तक माता के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना और उपवास कर माता का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
चैत्र नवरात्रि के लिये घटस्थापना चैत्र प्रतिपदा को होती है जो कि हिन्दु कैलेण्डर का पहला दिवस होता है। अतः भक्त लोग साल के प्रथम दिन से अगले नौ दिनों तक माता की पूजा कर वर्ष का शुभारम्भ करते हैं। चैत्र नवरात्रि को वसन्त नवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है। भगवान राम का जन्मदिवस चैत्र नवरात्रि के अन्तिम दिन पड़ता है और इस कारण से चैत्र नवरात्रि को राम नवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है।
चैत्र नवरात्रि के दिन माता दुर्गा के नौ भिन्न-भिन्न स्वरूपों को समर्पित होते हैं। शरद नवरात्रि में किये जाने वाले सभी अनुष्ठान चैत्र नवरात्रि के दौरान भी किये जाते हैं। शरद नवरात्रि और चैत्र नवरात्रि की घटस्थापना पूजा विधि समान ही होती है।
चैत्र नवरात्रि उत्तरी भारतीय प्रदेशों में ज्यादा प्रचलित है। महाराष्ट्र में चैत्र नवरात्रि की शुरुआत गुड़ी पड़वा से और आन्ध्र प्रदेश एवं कर्नाटक में उगादी से होती है।
माघी नवरात्र ..28 जनवरी से 5 फरवरी तक
चैत्र वसन्त नवरात्रि 28 मार्च से 5 अप्रेल तक
आषाढीय नवरात्र 24 जून से 3 जुलाई तक
शारदीय नवरात्र 21सितम्बर से 29 सितम्बर तक .||
चैत्र नवरात्रि, शरद नवरात्रि के समान, नौ दिनों के लिये आयोजित की जाती है। चैत्र नवरात्रि माँ दुर्गा को समर्पित होती है। माता के भक्त प्रतिपदा से नवमी तक माता के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना और उपवास कर माता का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
चैत्र नवरात्रि के लिये घटस्थापना चैत्र प्रतिपदा को होती है जो कि हिन्दु कैलेण्डर का पहला दिवस होता है। अतः भक्त लोग साल के प्रथम दिन से अगले नौ दिनों तक माता की पूजा कर वर्ष का शुभारम्भ करते हैं। चैत्र नवरात्रि को वसन्त नवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है। भगवान राम का जन्मदिवस चैत्र नवरात्रि के अन्तिम दिन पड़ता है और इस कारण से चैत्र नवरात्रि को राम नवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है।
चैत्र नवरात्रि के दिन माता दुर्गा के नौ भिन्न-भिन्न स्वरूपों को समर्पित होते हैं। शरद नवरात्रि में किये जाने वाले सभी अनुष्ठान चैत्र नवरात्रि के दौरान भी किये जाते हैं। शरद नवरात्रि और चैत्र नवरात्रि की घटस्थापना पूजा विधि समान ही होती है।
चैत्र नवरात्रि उत्तरी भारतीय प्रदेशों में ज्यादा प्रचलित है। महाराष्ट्र में चैत्र नवरात्रि की शुरुआत गुड़ी पड़वा से और आन्ध्र प्रदेश एवं कर्नाटक में उगादी से होती है।
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