" असहिष्णुता ...अभी कहाँ बढ़ी जी ,,,
अभी ब्रांडेड सामन बाजार में असली कीमत से कई गुना पर बेच हमे बहलाते हैं,
हम भी चौदह रूपये किलो वाला बासमती सौ रूपये में खरीदकर खाते हैं
इस्लामिक स्टेट के साथ ईंटोलरेन्स समिति वाले हमे ही धमकाते हैं ..
असहिष्णुता का नमूना देखिये खून पसीने की कमाई हम इन्ही कीफिल्मो पर उड़ाते हैं ,
दो कौड़ी के नचइये हमारी कमाई पर हमे ही आँख दिखाते हैं ,,
कोरी झूठी बातें बनाकर रील लाइफ में रियल लाइफ में धौंस जमाते हैं
असहिष्णुता का ही तकाजा है हमारी ,लक्ष्मीबाई भगतसिंह को छोड़ इन्हें आइकोन बनाते है
इनके किये हर राष्ट्रद्रोह को हम गलती समझकर भूल जाते हैं ,,
हमने धर्म को भी ठेंगा दिखा दिया इनके चक्कर में ये हमारे को ही गरियाते हैं
कभी पुरुस्कार दिखावे को लौटते हैं ,,
इंसानियत के दोस्त होते गर ...चेन्नई को तैरना सिखाये ..किनारे लगाते ,,
आसाम के दंगे पर इंसानियत दिखाते ,,
कश्मीरी पंडित के दुःख को बाँटकर दिखाते ,,
आखिर कभी तो सच के हिमायती बनकर दिखाते ...
जनता की कमाई से कमाई गयी कमाई का कोई हिस्सा तो जनता पर लुटाकर दिखाते
हो सकता है देशवासी भी सहिष्णुता और असहिष्णुता का अंतर समझ पाते " --- विजयलक्ष्मी
अभी ब्रांडेड सामन बाजार में असली कीमत से कई गुना पर बेच हमे बहलाते हैं,
हम भी चौदह रूपये किलो वाला बासमती सौ रूपये में खरीदकर खाते हैं
इस्लामिक स्टेट के साथ ईंटोलरेन्स समिति वाले हमे ही धमकाते हैं ..
असहिष्णुता का नमूना देखिये खून पसीने की कमाई हम इन्ही कीफिल्मो पर उड़ाते हैं ,
दो कौड़ी के नचइये हमारी कमाई पर हमे ही आँख दिखाते हैं ,,
कोरी झूठी बातें बनाकर रील लाइफ में रियल लाइफ में धौंस जमाते हैं
असहिष्णुता का ही तकाजा है हमारी ,लक्ष्मीबाई भगतसिंह को छोड़ इन्हें आइकोन बनाते है
इनके किये हर राष्ट्रद्रोह को हम गलती समझकर भूल जाते हैं ,,
हमने धर्म को भी ठेंगा दिखा दिया इनके चक्कर में ये हमारे को ही गरियाते हैं
कभी पुरुस्कार दिखावे को लौटते हैं ,,
इंसानियत के दोस्त होते गर ...चेन्नई को तैरना सिखाये ..किनारे लगाते ,,
आसाम के दंगे पर इंसानियत दिखाते ,,
कश्मीरी पंडित के दुःख को बाँटकर दिखाते ,,
आखिर कभी तो सच के हिमायती बनकर दिखाते ...
जनता की कमाई से कमाई गयी कमाई का कोई हिस्सा तो जनता पर लुटाकर दिखाते
हो सकता है देशवासी भी सहिष्णुता और असहिष्णुता का अंतर समझ पाते " --- विजयलक्ष्मी
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