Sunday, 20 December 2015

" करो बुरे कर्म .. दिल्ली की सरकार उसके लिए इनाम देगी,,"

" दामिनी ...नहीं ..नहीं ज्योति कहिये साहिब ,
तीन बरस हो गये न्याय नहीं मिला है..
जाने कितनी ज्योति दामिनी बन गयी गये तीन बरसों में
न्याय दीखता था अर्श पर बेहोश पड़ा है फर्श पर 
उम्र ने कर्म नहीं देखा ..फिर सजा उम्र को क्यूँ देखे ,,
सत्य कहूँ तो न्याय भी मोहताज हुआ है आज
कभी विपक्ष के कारण संसद के ठप्प होने का ..
कभी वकीलों के भीतर छिपे स्वार्थ के कोने का ..
मोमबत्ती और जुलुस से ईमान नहीं जिन्दा होता ..
गुनहगार के वकील से पूछो जाकर वो क्यूँ नहीं शर्मिंदा होता
गलती को ढकने वाला गुनहगार बड़ा अपराधी से..
उसका बहिष्कार करो अपनेपन की आबादी से..
मरे डूब चुल्लू भर पानी में ..
जिसकी जीवनचर्या जाती है इक गुनहगार बचाने में ,,
ज्यादा दौलत की भूख जिन्हें .. अपराधी देते मुहमांगी कीमत उन्हें ..
साम दाम दंड भेद से गुनहगार बच जाते हैं ..
क़ानून बनाने वाले भी क्या दौलत पर भरमाते हैं ..||
कानून शिकंजा क्यूँ नहीं कसता झूठ को सच बनाने वालों पर
सबक उन्हें भी सिखाना होगा ,,
सच का पाठ पढ़ाना होता ...
सोया जमीर जगाना होगा
गुनाह व्याभिचारी बचाना होगा
झूठे दौलत के भूखों को सामाजिकता का पाठ पढ़ाना होगा  "
---- विजयलक्ष्मी

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" अट्ठारह वर्ष से कम ..
करो बुरे कर्म .. दिल्ली की सरकार उसके लिए इनाम देगी,,
बदले में तुम्हारी बिरादरी की वोट लेगी..
और दिल्ली बढ़ते दुराचार की आरामगाह बनेगी ,,
देश की गलियों में गुनहगार कुकुरमुत्ते से उगेंगे ,,

सारे ही दिल्ली की "आप सरकार " के खेवनहार बनेगे..
दोनों एक दूजे के सहारे ही तरंगे
शर्मनाक परिस्थिति मौत के हकदार को देरही है पुरुस्कार || "
----------- विजयलक्ष्मी


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कांग्रेस ने सडसठ साल में दिया रेपिस्ट को छुड़ाने वाला कानून .......और बात करती है महिला सुरक्षा की .... जिस पार्टी के अध्यक्ष पद पर लम्बे समय तक एक औरत विराजमान रहकर भी अपराध के खिलाफ सख्त कानून नहीं बना सकी ...उसका वजूद खत्म होना ही राष्ट्र को सुरक्षा की तरफ लेजा सकता है.... यदि यही कांग्रेस स्वतंत्रता का दम्भ भरती है तो झूठ लगता है सब || ----- एक नागरिक ( विजयलक्ष्मी )



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