Wednesday, 9 July 2014

"खुशी को किसी की न नजर लग जाये "

कैसे कटे रात अन्धेरा घनेरा ,
न जाने खबर कोई कब आ जाये ..

वो धरती सितारे चंदा चाँदनी ,
न जाने सब किस पल बहक जाये ..

मोती पलक से घूंघट उठाकर ,
निकल कर कपोलों पर ढलक जाये ..

गम या खुशी उनको पता क्या ,
न जाने कौन कौन रंग में रंग जाये ..

अब दिल ए गम के तराने सुना ,
खुशी को किसी की न नजर लग जाये..
..विजयलक्ष्मी 

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