तमन्ना ओ कत्ल ए कातिल बता
किश्तों में वार कर मुझे तडपाता है क्यूँ
मारने की तमन्ना है गर कत्ल कर
जिन्दगी औ मौत के बीच झुलाता है क्यूँ
साँस पर पहरा नजर तुम पर ठहरी है
राह ए जिन्दगी पर संगदिली जताता है क्यूँ
गुमनाम जिन्दगी की राह मुश्किल भरी
खूनपसीना दलालों की खातिर लुटाता है क्यूँ
खुद ही मसलना था बगिया के फूल को
बताओ , माली फूल फिर लगाता है क्यूँ - विजयलक्ष्मी
किश्तों में वार कर मुझे तडपाता है क्यूँ
मारने की तमन्ना है गर कत्ल कर
जिन्दगी औ मौत के बीच झुलाता है क्यूँ
साँस पर पहरा नजर तुम पर ठहरी है
राह ए जिन्दगी पर संगदिली जताता है क्यूँ
गुमनाम जिन्दगी की राह मुश्किल भरी
खूनपसीना दलालों की खातिर लुटाता है क्यूँ
खुद ही मसलना था बगिया के फूल को
बताओ , माली फूल फिर लगाता है क्यूँ - विजयलक्ष्मी
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