उजड़ते इस देश का होना जीर्णोद्धार चाहिए ,
जिन्दा जमीर वाला कोई असरदार चाहिए !!
न झूठ का पुलिंदा हो . न डरपोक चाहिए ,
बिगड़ा सिस्टम दुरुस्त करे सरकार चाहिए !!
नमकहलाली हो लहू में जिसके ईमान लिए
यहाँ जरूरत देशभक्त की है नहीं गद्दार चाहिए !!
समझे दर्द गरीबों का औ शिक्षा का इतजाम हो
सुरक्षा के इंतजाम हो, नहीं व्यभिचार चाहिए !!
वतनपरस्तों को पलकों पे बिठाए सम्मान से
गद्दारों की खातिर सींखचो का संसार चाहिए !!
बेइमानी की दूकान बंद, भ्रष्टाचार की नाकाबंदी
राष्ट्रधर्म में निमित्त जीवन हो ,खबरदार चाहिए !!
सीमा प्रहरी निश्चिन्त हो कर सके देश की रक्षा
देशद्रोही को मौत सीमासुरक्षा को अंगार चाहिए !!-- विजयलक्ष्मी
जिन्दा जमीर वाला कोई असरदार चाहिए !!
न झूठ का पुलिंदा हो . न डरपोक चाहिए ,
बिगड़ा सिस्टम दुरुस्त करे सरकार चाहिए !!
नमकहलाली हो लहू में जिसके ईमान लिए
यहाँ जरूरत देशभक्त की है नहीं गद्दार चाहिए !!
समझे दर्द गरीबों का औ शिक्षा का इतजाम हो
सुरक्षा के इंतजाम हो, नहीं व्यभिचार चाहिए !!
वतनपरस्तों को पलकों पे बिठाए सम्मान से
गद्दारों की खातिर सींखचो का संसार चाहिए !!
बेइमानी की दूकान बंद, भ्रष्टाचार की नाकाबंदी
राष्ट्रधर्म में निमित्त जीवन हो ,खबरदार चाहिए !!
सीमा प्रहरी निश्चिन्त हो कर सके देश की रक्षा
देशद्रोही को मौत सीमासुरक्षा को अंगार चाहिए !!-- विजयलक्ष्मी
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