मुझे चिंता या भीख की आवश्यकता नहीं धनानंद, मैं शिक्षक हूँ
" मुझे चिंता या भीख की आवश्यकता नहीं धनानंद, मैं शिक्षक हूँ, यदि मेरी शिक्षा में सामर्थ्य है तो अपना पोषण करने वाले सम्राटों का निर्माण मैं स्वयं कर लूँगा ." -चाणक्य ( विश्व का सर्वोच्च शिक्षक)
No comments:
Post a Comment