Happy father's day
Happy father's day....!! ....माँ का एक दिन ,,,एक दिन पिता का ,...बाकी दिन ..अरे हाँ एक दिन राखी का याने एक दिन बहन का और एक दिन टीके का मतलब भाई का ....दादा दादी का भी एक दिन हो गया एक हुआ दोस्ती के नाम ...एक ... और बाकी दिन का क्या .. वैसे एक राज की बात बताऊँ ...कोई नहीं बोलेगा ....मन में घुटते रहेंगे लेकिन .....क्यूंकि कुछ पुरुष जनक तो होते हैं किन्तु पिता नहीं ....बच्चे उनके लिए सम्पत्ति की तरह होते हैं जिसे जैसे चाहे घुमाया जा सके ....बच्चों पर निर्णय थोपते हैं ...पूरा न करने पर उन्हें समय समय पर इन बातों का अहसास कराया जाता है .....देनी तो नहीं चाहिए किन्तु ...जनक बनने के साथ पिता भी बने ...रिश्तों में मिठास और प्रगाढ़ता उम्र भर रहेगी और रिश्ते की सार्थकता भी सिद्ध होगी | ---- विजयलक्ष्मी
सभी पापा को आज के दिन की विशेष शुभकामना !!
आज फेसबुक पर सब अपने अपने पापा को best wishes देने में लगे हैं ......सच बताना कितने लोगो के पापा फेसबुक खोलकर देखतें हैं ,...क्या मात्र एक दिन की बधाई उनकी ख़ुशी है ,क्या कभी कुछ घड़ी उनके पास बैठकर देखा है ...जाना है जिन्दगी के उन अनछुए लम्हों को जो किसी को बांटने की उन्हें फुर्सत न हुयी ...क्यूंकि उन्हें जाना होता था धन कमाने ...हमारी शिक्षा ,हमारी किताबे हमारी जरूरत को पूरी करने ..... सुबह जल्दी जाना शाम गये घर लौटना ,,,कभी डांटना कभी परेशान होना ....कभी तसल्ली के दो शब्द कहे किसी ने अपने पापा को ...एक बार सिर्फ एक बार कहकर देखो ..".पापा आप परेशान मत हुआ करो मैं हूँ न "!!........मैं नहीं कह सकती अपने पापा को लेकिन ..हर वक्त साथ है मेरे ..पापा भी माँ भी .......आप दोनों थे तो हम हैं ..आज है ..घर है...बहन भाई है... रिश्ते नाते हैं ...क्यूंकि इन सबमें आप दिखाई देते हो है और हमारे भीतर आपके दिए हुए संस्कार हैं ...आपका प्यार और एक सुखद अहसास ...शुक्रिया , भगवान जी ..मेरे पापा माँ को खुश रखना अपने पास !!-- विजयलक्ष्मी
Happy father's day....!! ....माँ का एक दिन ,,,एक दिन पिता का ,...बाकी दिन ..अरे हाँ एक दिन राखी का याने एक दिन बहन का और एक दिन टीके का मतलब भाई का ....दादा दादी का भी एक दिन हो गया एक हुआ दोस्ती के नाम ...एक ... और बाकी दिन का क्या .. वैसे एक राज की बात बताऊँ ...कोई नहीं बोलेगा ....मन में घुटते रहेंगे लेकिन .....क्यूंकि कुछ पुरुष जनक तो होते हैं किन्तु पिता नहीं ....बच्चे उनके लिए सम्पत्ति की तरह होते हैं जिसे जैसे चाहे घुमाया जा सके ....बच्चों पर निर्णय थोपते हैं ...पूरा न करने पर उन्हें समय समय पर इन बातों का अहसास कराया जाता है .....देनी तो नहीं चाहिए किन्तु ...जनक बनने के साथ पिता भी बने ...रिश्तों में मिठास और प्रगाढ़ता उम्र भर रहेगी और रिश्ते की सार्थकता भी सिद्ध होगी | ---- विजयलक्ष्मी
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