Tuesday, 3 February 2015

" साम्प्रदायिक भ्रष्टाचार का खंजर देशप्रेम की पीठ में दिया धकेल "

पाठ किताबो से गायब  लक्ष्मीबाई की अमर कहानी का ,
पढना किस्सा ज्ञान के पोथो में फिल्मो की महारानी का 
गद्दारों और जबर की तख्ती आज भी टंगी हुई राजधानी में
घोटाले बुर्के जितने लम्बे ,,शर्म मरी डूब चुल्लूभर पानी में
क्या खूब ,,चोरी और ठगी का पैसा धौले रंग में रंग डाला 
नोट वोट के बदले पहले अब बिकते मिले लालपरी महारानी में 
बर्बाद हुआ भविष्य भूत को रौंद डाला चमचो की मनमानी ने 
सच पूछो तो ,कठपुतली क्या देश चलाती गर्त में दिया धकेल
साम्प्रदायिक भ्रष्टाचार का खंजर देशप्रेम की पीठ में दिया धकेल     -- विजयलक्ष्मी 

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