अब समझे हैं सबब उस बात का पल भर पहले
जिंदगानी की तस्वीर बदलती है पलों में क्यूँकर ||
जिंदगानी की तस्वीर बदलती है पलों में क्यूँकर ||
क्यूँ कहते थे भरने है कई रंग नए हमको अभी
जान हाथों में है अभी बाकी कहा था ये क्यूँकर ||
जान हाथों में है अभी बाकी कहा था ये क्यूँकर ||
टूटे या रहे कलम मेरी क्या फर्क हीं तुमको अमीत
तुम्हें जाना है चले जाओ हम मरें या जियें क्यूँकर ||
तुम्हें जाना है चले जाओ हम मरें या जियें क्यूँकर ||
जिंदगी मौत से बदतर हों भी जाये तो गम क्यूँ
जीना बाकी और भी रंग है बाकी जियेगें ही क्यूँकर||
जीना बाकी और भी रंग है बाकी जियेगें ही क्यूँकर||
खामोशियों को आवाज नहीं देंगे नाम से तेरे
बर्बाद होना था तो भला आबाद अब होंगें क्यूँकर || ---- विजयलक्ष्मी
बर्बाद होना था तो भला आबाद अब होंगें क्यूँकर || ---- विजयलक्ष्मी
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