Tuesday, 26 February 2013

तौबा ...



निगाह ए मुहब्बत लबरेज नजरों का बहाना ,तौबा ,

वो देखकर खुद ही पलकों पे रुक गए औ नाम हमारा, तौबा ...विजयलक्ष्मी

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