Monday 17 July 2017

राष्ट्रवादी देशभक्ति



राष्ट्रवादी देशभक्ति ,जो भारत को अक्षुण्य बनाती है । उसके प्राचीन गौरव को लेकर आगे बढ़ती है । भारत के हजारों वर्ष के सौष्ठव का गठन करती है । भारतीय इतिहास , संस्कार संस्कृति को अक्षुण्ण रखती है। 
आइए एक और एक ग्यारह हो जाएं ।। जयहिन्द ।।जय भारत ।।








है जिन्दा कलम. जिन्हें देश प्रेम ही आता है ,,
प्रेम के रंग में डूबा प्रेयस सा भारत ही भाता है ||
कभी कटार कभी तलवार का करते श्रृंगार 
भाषाई शब्दों से भी बम-बौछार बनाना भाता है ||
----- विजयलक्ष्मी





धुआँ धुआँ सी फिजा,,रौशनी क्यूँ हुई कम ..
दौर ए नफरत न बढ़ा ए जिन्दगी रख भ्रम ||
यूँ नामालूम है साँसे ,,रखे भी क्या खबर 
मुस्कुरा भी ले घड़ी भर,,न कर आँख नम ||
खिलने दे इन्द्रधनुष,,घड़ी भर का ही सही 
रोशन सितारे बहुत होंगे ,, जिन्दगी है कम ||
---- विजयलक्ष्मी



डूबे या तिरे कश्तियाँ ,किनारे या मझधारे 
जानती हैं ,, जिंदगी तो वही बीच जलधारे।। -- विजयलक्ष्मी

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