" कहदो सत्ताधारी को देश का बंटवारा नहीं होगा
काश्मीर सिरमौर हमारा हमसे न्यारा नहीं होगा ||
काश्मीर सिरमौर हमारा हमसे न्यारा नहीं होगा ||
जितने भी गद्दार मिले सर कलम सभी की करवा दो
तिरंगे से चिढने वालों को देश-निकाला दिलवा दो ||
तिरंगे से चिढने वालों को देश-निकाला दिलवा दो ||
राष्ट्र गीत है शान हमारी ,मिटटी नहीं मिलाने देंगे ,,
हाथ खोल दो सेना के, दुश्मन को मार भगा देंगे ||
हाथ खोल दो सेना के, दुश्मन को मार भगा देंगे ||
सच बतलाऊं दिल दुखता जब शाहदत की सुनते हैं
सपने पूरे हमारे हो वो कब कोई सपना बुनते हैं ||
सपने पूरे हमारे हो वो कब कोई सपना बुनते हैं ||
हर जज्बात वतन पर न्यौछावर है जिनका
क्या दूं मन सोच रहा,,ये जन्म ऋणी रहेगा उनका ||
क्या दूं मन सोच रहा,,ये जन्म ऋणी रहेगा उनका ||
वीर वतन पर हैं कुर्बान हम नतमस्तक हैं उनके आगे ,
उऋण नहीं होना सम्भव हम नतमस्तक हैं उनके आगे ||
उऋण नहीं होना सम्भव हम नतमस्तक हैं उनके आगे ||
जान हथेली पर रखकर वो आगे को बढ़ जाते हैं ,
दुश्मन की छाती पर धर कदम शूलों से चढ़ जाते हैं ||
दुश्मन की छाती पर धर कदम शूलों से चढ़ जाते हैं ||
पत्थर बरसाने वालो को मत माफ़ करो बस साफ़ करो
न्यायालय और मानव हित सब सेना के साथ करो ||
न्यायालय और मानव हित सब सेना के साथ करो ||
जो बोलेगा राष्ट्र विरुद्ध गद्दार उसे घोषित करदो ,
फांसी का फंदा पहनाओ या बंदूक माथे धर दो || " ---- विजयलक्ष्मी
फांसी का फंदा पहनाओ या बंदूक माथे धर दो || " ---- विजयलक्ष्मी
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