लूटती रही सरकारें मुझे फिर भी बचा शेष हूँ
मुस्कुरा उठा गर्वित हो पुन:.मैं उत्तर प्रदेश हूँ ||
जी हाँ मैं उत्तर प्रदेश हूँ ||
दीपावली के दीप औ होली के रंग लुभाते मुझे
रहा मेले में भी तन्हा बचा हुआ शेष प्रदेश हूँ ||
जी हाँ मैं उत्तर प्रदेश हूँ ||
बिखरे ख्वाब,उखड़े हुए रास्ते, पर्यटन बेहाल,
संजीवनी की करता तलाश मैं उत्तर प्रदेश हूँ ||
जी हाँ मैं उत्तर प्रदेश हूँ ||
मुस्कुराता रहा यद्यपि घायल था मेरा सीना
उखड़ी सी सांस बकाया लिए दर्द अवशेष हूँ ||
जी हाँ मैं उत्तर प्रदेश हूँ ||
सूखे खेत मेरे झूठे इरादे औ दिखावटी वादे
इन्तजार में जिया हूँ लिए दिल में क्लेश हूँ ||
जी हाँ मैं उत्तर प्रदेश हूँ ||
रंग केसरिया मुझपे ..होली में किसने डाला
सोचता हूँ मोदीमय मुस्कान नवयुग प्रवेश हूँ||
जी हाँ मैं उत्तर प्रदेश हूँ ||
आशा औ निराशा में झूलता रहू यूँ कबतक
लिए मुस्कान की अभिलाषा का खंड शेष हूँ||
जी हाँ मैं उत्तर प्रदेश हूँ || ------------- विजयलक्ष्मी
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