कला और साहित्य से स्त्रियों को दूर क्यूँ रखा जाता रहा ... ये बात समझ नहीं आई....... जिन्होंने जबरन आना चाहा उनका सामाजिक जीवन निम्नस्तर का बना दिया ......... संगीत ने महिलाओं को कोठेवाली बना दिया ..... और महादेवी वर्मा को जिन्दा रहते साहित्यकार श्रेणी नहीं मिली ....... समय परिवेश सबकुछ बदला किन्तु लेखन के मामले में आज भी लक्ष्मीबाई और मीरा दुसरे के घर में अच्छी लगती है .......... अपने घर में मतलब समय बर्बादी .........|| ऐसा क्यूँ हैं ? ------ विजयलक्ष्मी
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